Friday, January 16, 2009
आल्हा आज भी है .
इनके बारे में जितना सुना है बड़ा दिलचस्ब है ।आल्हा अमर है ।वह रोज मैहर के मन्दिर मैं पूजा करने आता है ।किसी को मन्दिर में रात के वक्त प्रवेश नही है ।मन्दिर के पास के एक तालाब है जो बारह महीने कमलों से भरा रहता है बस रोज़ उसमे से एक फूल गायब रहता है जो सुबह मन्दिर के पुजारी को माँ के चरणों में पड़ा मिलता है, पुरी पूजा भी मिलती है ।
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